Midday Meal Scheme (PM Poshan Scheme) – प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण’ योजना (पीएम पोषण योजना)

सन 1995 में केंद्र सरकार के द्वारा Midday Meal Scheme को शुरू किया गया था। यह शिक्षा मंत्रालय के द्वारा प्रायोजित योजना है, 2021 में, इसका नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण’ ‘Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman’ scheme (PM Poshan Scheme) कर दिया गया और इसमें पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं आंगनवाड़ी ,बालवाटिका (nursery school) के 3-5 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों को भी शामिल किया गया है। इस योजना के अंतर्गत स्कूल में नामांकित और उपस्थित होने बाले छात्र जो कक्षा 1 से 7 में पढ़ते हो और 6 से 14 वर्ष की आयु के हो, ऐसे प्रत्येक छात्र को पका हुआ भोजन प्रदान किया जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल में भोजन उपलब्ध करने बाला कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

Midday Meal Scheme

Midday Meal Scheme का उद्देश भूख और कुपोषण को दूर करना, स्कूल में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाना, जातियों के बीच समाजीकरण में सुधार करना, विशेषकर महिलाओं को जमीनी स्तर पर रोजगार प्रदान करना हैं।

मध्याह्न भोजन कार्यक्रम (Midday Meal Scheme) मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार तथा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वित किया जाता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नोडल विभाग है। मध्याह्न भोजन कार्यक्रम भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त संसाधनों से क्रियान्वित किया जाता है। मध्य प्रदेश में MDM कार्यक्रम का क्रियान्वयन 1995 से प्रारंभ किया गया है।

  • 1995 में भोजन कच्चे खाद्यान्न के रूप में दिया जाता था
  • 2001 में दलिया और खिचड़ी पके हुए भोजन के रूप में वितरित किया जाना सुरु किया गया था।
  • 2004 से, भोजन दिलचस्प मेनू के अनुसार परोसा जाने लगा।
  • 2008 से, यह कार्यक्रम सभी सरकारी अनुदान प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया गया था।
  • 2021 में, इसका नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण’ ‘Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman’ scheme (PM Poshan Scheme) कर दिया गया

Midday Meal Scheme में AGMARK गुणवत्ता वाली वस्तुएँ खरीदी जाती हैं, विद्यालय द्वारा एक विद्यालय प्रबंधन समिति बनाई जाती है जिसमे विद्यालय के दो या तीन वयस्क सदस्यों द्वारा भोजन का स्वाद चखा जाता है। यदि किसी विद्यालय में किसी दिन, खाद्यान्न की अनुपलब्धता या किसी अन्य कारण से मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो राज्य सरकार अगले महीने की 15 तारीख तक खाद्य सुरक्षा भत्ता का भुगतान करती है।

Midday Meal Scheme के पोषण मानक:

कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को पकाए गए भोजन में 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है और उच्च प्राथमिक कक्षा 6 और 7 के छात्रों के लिए 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन के पोषण मानक होते हैं।

Coverage:

सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के अंतरगत आने बाले सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, मदरसा और मकतब में Midday Meal Scheme लागु है, यह योजना 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत दिल्ली में नगर निगम जैसे स्थानीय निकायों द्वारा संचालित स्कूलों के कक्षा 1 से 8 (आयु वर्ग 6 से 14) के 11.80 करोड़ बच्चों को शामिल किया गया है। , 2013 (एनएफएसए)। 2022-23 के बजट में केंद्र ने इस योजना के लिए 10,233 करोड़ रुपये रखे हैं, जबकि राज्यों को 6,277 करोड़ रुपये खर्च करने की उम्मीद है।

Scroll to Top