Earth to Moon distance और चंद्रयान-3 को जानने से पहले चाँद क्या है जान लेते है चाँद क्या है, चाँद (Moon) पृथ्वी का एक निकटतम stored satellite है। यह सौरमंडलीय ग्रहों में सबसे बड़ा उपग्रह है Earth to Moon distance और पृथ्वी के आकार का करीब एक चौथाई भाग है। चाँद का आकार पृथ्वी के आकार की वजह से यह आपस में गुच्छे के रूप में पृथ्वी के आस-पास घूमता है।

चाँद की सतह पर क्रूर और विनाशकारी वातावरण होता है और वहां कई क्रैटर, पहाड़ी, गुफाएं और Drunk Activities मौजूद हैं।
चाँद पर लोगों द्वारा कई अंतरिक्ष मिशन भेजे गए हैं और इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण है। यह ग्रह हमारी भूमि से संबंधित कई महत्वपूर्ण रोल निभाता है, जैसे कि मानसिक स्थिरता पर प्रभाव, मौसम विज्ञान, ज्योतिष और चंद्रविज्ञान।
पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी
Earth to Moon distance औसत दूरी लगभग 3,84,400 किलोमीटर है। यह दूरी अंतरिक्ष में स्थित चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की सबसे निकटतम दूरी है। यह दूरी निरंतर बदलती रहती है क्योंकि चंद्रमा और पृथ्वी दोनों अपनी मार्ग में चक्कर लगाते रहते हैं। चंद्रमा की दूरी निरंतर बदलने के कारण, कभी-कभी यह 3,88,000 किलोमीटर तक भी बढ़ सकती है और कभी-कभी 3,82,000 किलोमीटर तक भी कम हो सकती है।
चंद्रयान 3 क्या है
चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चाँद पर भेजे जाने वाले एक अंतरिक्ष मिशन का नाम है। यह भारतीय अंतरिक्ष मिशन का तीसरा चरण है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा के सतह पर गाड़ी चलाने के लिए एक रोवर dispatched करना है।
चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के space storage areas को अध्ययन करना है और इससे मिलने वाली डेटा के माध्यम से वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है। चंद्रयान-3 में एक प्रकार का रोवर शामिल होगा, जो चंद्रमा की सतह की खोज करेगा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए आवश्यक जानकारी इकट्ठा करेगा।
चंद्रयान-3 मिशन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चंद्रयान-3 का launch 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे IST पर हुआ और चरण एक में 100 किमी गोलाकार ध्रुवीय कक्षा का launch सफलतापूर्वक पूरा किया गया। लैंडर और रोवर के 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास उतरने की उम्मीद है यह मिशन चंद्रमा पर भारत की पहली रोवर मिशन होगी।
कुछ महत्वपूर्ण चंद्रमा मिशनों की जानकारी है:
भारत ने अपने चंद्रमा मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण मिशनों को प्रारंभ किया है। यहां कुछ महत्वपूर्ण चंद्रमा मिशनों की जानकारी है:
चंद्रयान-1: चंद्रयान-1 भारत का पहला चंद्रमा मिशन था, जो 2008 में launch किया गया था। इस मिशन के तहत, भारत ने चंद्रमा के पास तकनीकी और वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए चंद्रयान-1 अंतरिक्ष यान (इसरो) को भेजा था। यह मिशन सफलतापूर्वक चंद्रमा के आस-पास के क्षेत्रों की जानकारी इकट्ठा करने में सफल रहा।
Chandrayaan 1 timeline
Announces the Chandrayaan program
the late Atal Bihari Vajpayee announced the Chandrayaan-1.
Chandrayaan-1 takes off
Chandrayaan-1 takes off from the Satish Dhawan Space Centre at Sriharikota here
enters a Lunar
Chandrayaan-1 enters a Lunar Transfer Trajectory.
Chandrayaan-1 crashes
The Moon impact probe ejects from Chandrayaan-1 and crashes near the lunar South Pole — confirming the presence of water molecules on the Moon’s surface.
End of Chandrayaan 1
End of Chandrayaan 1 programme as per ISRO.
Chandrayaan 2 timeline
Chandrayaan-2 launched
Chandrayaan-2 launched from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota.
inserted lunar orbit
Chandrayaan-2 spacecraft inserted into lunar orbit.
Vikram Lander was separated
Vikram Lander was separated while orbiting the moon in a 100kms lunar polar orbit
communication lost
communication from the lander to the ground stations was lost at an altitude of 2.1 km from the surface of the moon.
deployment
Lander failure, the rover was not deployed.
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चंद्रयान-2: चंद्रयान-2 भारत का दूसरा चंद्रमा मिशन था, जिसमें चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को 2019 में लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत, भारत ने चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रग्यान को भेजा था। हालांकि, विक्रम लैंडर की लैंडिंग में कुछ समस्याएं हुईं थी और यह सफलतापूर्वक नहीं हो सकी। हालांकि, चंद्रयान-2 मिशन को तकनीकी और वैज्ञानिक ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
चंद्रयान-3: चंद्रयान-3 मिशन, जिसका उल्लेख आपने पहले किया था, एक भविष्य की योजना है। इस मिशन के तहत, भारत चंद्रमा के सतह पर एक रोवर प्रेषित करने का प्रयास करेगा, जो वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए जरूरी जानकारी इकट्ठा करेगा।
ये मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा orient किए गए हैं। चंद्रमा मिशनों के माध्यम से, भारत चंद्रमा के बारे में वैज्ञानिक जानकारी और अध्ययन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।